21वीं सदी को डिजिटल युग कह सकते हैं क्योंकि आज हमारा जीवन तकनीकी, इंटरनेट और डिजिटल उपकरणों पर अत्यधिक निर्भर हो चुका है। शिक्षा, संचार, व्यवसाय, मनोरंजन और यहाँ तक कि शोध के क्षेत्र में भी डिजिटल क्रांति के कारण अभूतपूर्व परिवर्तन हुआ है। विशेष रूप से शोध की प्रक्रिया तेज, सरल और अधिक व्यापक बन चुका है।
पहले शोधकर्ता को किताबों, हस्तलिखित पांडुलिपियों या दुर्लभ दस्तावेज़ों तक पहुँचने में वर्षों लग जाते थे। अब शोध केवल पुस्तकों और पुस्तकालयों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि डिजिटल माध्यमों ने शोधकर्ताओं को वास्तविक समय में जानकारी प्राप्त करने, साझा करने और विश्लेषण करने की सुविधा प्रदान की है। डिजिटल प्लेटफॉर्म और ई-संसाधन के कारण यह संभव हो चुका है।
शोध अब केवल शैक्षणिक संस्थानों तक सीमित नहीं, बल्कि सामान्य व्यक्ति भी इंटरनेट के माध्यम से विभिन्न विषयों पर गहराई से अध्ययन कर सकता है। डेटा एनालिटिक्स और एआई टूल्स शोध को अधिक सटीक और व्यवस्थित बनाने में मदद कर रहे हैं।



